The Blind IAS Officer

किसान का बेटा , अम्बेडकर नगर जिले का निवासी , आँखों से लाचार 27 वर्षीय कृष्णा ने वर्ष 2008 के IAS में 142वीं रैंक प्राप्त कर , एक अनूठा रिकॉर्ड रच दिया। तीसरी बार में मिली यह सफलता स्वंय में एक अद्वितीय संघर्ष , अदम्य आत्मविश्वास एवं अटूट द्रढ़ निश्चय की गाथा है। IAS की परीक्षा हेतु  अर्थशास्त्र विषय का चुनाव करने के बाद , कृष्णा ने आँखों से लाचार होने के कारण लिखने हेतु दो सहायकों की सहायता ली , लेकिन अर्थशास्त्र विषय में चित्र कैसे बनाये जाएँ , इस समस्या तार (wire) की सहायता से बताया , जिसे उनके लेखन के सहायकों ने कॉपी में बनाया। 



गरीबी के कारण , वे न तो किसी कोचिंग की सहायता ले सके , और न मित्रों से कोई ख़ास मदद मिली। जो कुछ पढ़ा , स्वयं की कड़ी मेहनत एवं लगातार परिश्रम का ही परिणाम रहा। 



Remember  

छात्र - जीवन एक तपश्चर्या का समय है , जिसमें आपको बहुत संयमित होकर , अपनी मौज मस्ती को त्याग कर , कड़ी मेहनत एवं लगन से , पूर्ण सकल्पित होकर , अपनी बहुत सी इच्छाओं को नियंत्रित करते हुए , जीवन में सफल होना है। ऐसी सफलता एक स्थायी सफलता है। तप का फल मीठा ही होगा। 


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